हमने अपने आपको यह समजा दिया है कि ख़ुशी हमारे जीवन में “ किसी एक दिन” हमें जरुर मिल जायेंगी । हम उस एक दिन बहुत ही खुश होंगें…आज खुश होने की कोई वजह नहीं है…वह एक दिन का हमें हर दिन इंतेजार रहता है ।
हमने अपने जीवन से ख़ुशी को postpone कर दिया है ,हरबार हम भविष्य के “किसी एक दिन ” पर ख़ुशी मिलेगी,यही सोच कर अपने वर्तमान की खुशियों को postpone करते जा रहें है, लेकिन हमें नहीं पता कि वह एक दिन कब आएगा ?
कुछ दिन पहलें मैंने एक फिल्म देखी – फिल्म का नाम था – बेंग बेंग , फिल्म का एक द्रश्य था जिसमें अभिनेत्री कह रही थी कि “ एक दिन वह पूरी दुनिया देखना चाहती है” और अभिनेता उस अभिनेत्री से कहता है कि “क्या उसे लगता है कि “ एक दिन का मतलब है कभी नहीं …” यह संवाद मेरे मन को छू गया ।
सच तो यह है – एक दिन का मतलब परोक्ष रूप से “कभी नहीं” ही होता है । हम “एक दिन” कहकर केवल अपने मन को बहेलाते है क्योंकि हम भी भीतर से जानते है कि वह एक दिन कभी नहीं आएगा। हमने अपने आपको यह यकीन दिला दिया है कि जिन्दगी किसी “एक दिन” आज से ज्यादा बेहतर होगी…हम उस “एक दिन”बहुत खुश होंगें ।
बचपन में – एक बार सही sequence में alphabet लिखना आ जाएं तब हम खुश होंगें …
एक से तीस के पहाड़े जबानी हो जायेंगे तब हम खुश होंगे
१० वी की परीक्षा में अव्वल आ जायेंगे तो हम खुश होंगें , अच्छी महाविद्यालय में एडमिशन हो जाये तब खुश हो जायेंगे …
हम अपने आपको convince कर देते है कि आज से ज्यादा…आगे किसी एक दिन जिन्दगी अच्छी होगी ।इस तरह वर्तमान की हर ख़ुशी को हम टालते रहते है
क्यों हमारे जीवन की खुशियों को हम कुछ होने या न होने पर निर्धारित करते है The truth is that there is no better time to be happy than right now. आज नहीं तो कब ? किन्तु हम वर्तमान की कीमत समज नहीं पाते। हम वर्तमान की हर ख़ुशी को उस “एक दिन” के चक्कर में खो देते है।
क्या हम भी किसी एक दिन आने वाली ख़ुशी की मृगतृष्णा के लिए आज के अपने वर्तमान की खुशियों को postpone तो नहीं कर रहे है ? जीवन उस एक दिन का इन्तेजार करता रहता है और वह “एक दिन” मृगजल के जैसे तृष्णा बढ़ाये जाता है।
जीवन को जीना है तो वह शुभ दिन आज ही है…इस पल ही है…कभी कोई “एक दिन” नहीं आनेवाला…जो हमारे जीवन में happiness की बारिश करेगा ।आज ही वर्तमान जीवन की छोटी छोटी खुशियों की बूंदों से भीग जाना शुरू कर दें…खुशियों की बारिश की बुँदे वर्तमान में बरस रही है और हम अपना छाता खोलकर कहते है की किसी “एक दिन” बारिश में खूब भीगेंगें।
हर दिन कुछ न कुछ तो अधुरा रहेगा ही, कुछ तो imperfect रहेगा ही, किन्तु जीवन में happiness को पाना है तो imperfection को स्वीकार करना सीखना ही होगा । Imperfection का भी अपना एक अद्भुत आनंद है ।
यदि perfection में सब सुख समाया है ऐसा होता तो कुदरत को देखिये- सुनिए , कुदरत भी अपने creation द्वारा यही सन्देश देती है कि imperfection में ही जीवन का असली मजा है …
कुदरत ने सभी इंसानों को एक दुसरे से भिन्न बनाया है , हर पेड़ – पौधे के रंग आकर सुगंध अलग है , प्राणियों – पक्षियों को अलग अलग क्षमता दी है । हर पर्बत को अलग आकार दिया है , कभी आकाश में एक सरीखें बादल नहीं होतें ।
कभी एक सरीखा मौसम नहीं होता , कहीं रेगिस्तान है तो कही नदियाँ ,कही समंदर तो कही जंगल, प्रकृति में भी imperfection है तभी तो हम जीवन का आनंद इस पृथा पर ले पातें है ।
अगर हमारे हाथों की और पैरों की उंगलियाँ यदि एक समान कुदरत ने बनायीं होती तो हम जीवन में खाने का मजा… अपने प्रियजनों के हाथ को पकड़ने का मजा …कलम पकड़कर लिखने का मजा कैसे उठा पातें ?
जीवन में कितने सारे दोस्त बनते है क्या वे सभी हमारी perfect की व्याख्या में fit होतें है ? शायद नहीं … फिर भी वे हमारे जीवनभर के लिए दोस्त होते है , कई बार imperfect जीवन साथी मिलते है किन्तु जीने का मजा तो complimentary में ही समाया है …
हम सबकुछ perfect नहीं बना पातें क्योंकि हमारी अपेक्षा और हमारा perfection का मापदंड केवल हमारा दृष्टिकोण हो सकता है…जो दुसरे व्यक्ति के जीवन में दखल अंदाजी जैसा होता है …इसलिए imperfection को enjoy करें और जीवन का लुफ़्त उठाएं… हर पल आनंद से ही भरी है… हर दिन ख़ुशी का दिन है… वर्तमान में ख़ुशी- आनंद को खोजियें और उसका लुफ्त उठाना सीखें । यक़ीन कीजिये वह “एक दिन” किसी एक दिन नहीं बल्कि आज ही है ।
Happiness कोई अंतिम पड़ाव या लक्ष्य नहीं है जिसे पाने के लिए हमें हर दिन प्रतीक्षा या परिश्रम करना पड़े ,Happiness एक रास्ता है…एक यात्रा है इस यात्रा का आनंद लीजिये
स्कूल ख़त्म होने का इन्तेजार न करें
वजन कम करने के तरीकों पर चिंता न करें
कोई नया कार्य आरम्भ करने के लिए उस “एक दिन “ की प्रतीक्षा न करें …
बड़ी कार के इन्तेजार में छोटी कार के आनंद को postpone न करें …
अपने डर का सामना भी आज ही करें …अपने डर को जितने के उस संघर्ष में भी आनंद है ,अपने डर पर हंसने का भी अपना एक आनंद है
याद रखिये रिटायरमेंट के प्लान को रिटायरमेंट के बाद implement करना होता है उस एक दिन के चक्कर में आज जीवन के यौवन को व्यय न करें…
एक दिन संगीत सीखेंगे
एक दिन vacation पर जायेंगे
एक दिन कथ्थक सीखेंगे
एक दिन कुछ करेंगे…
इस एक दिन की प्रतीक्षा में न जाने कितने दिन बीत जायेंगे ? “एक दिन केवल हम मरेंगे और यह तय है , मरने से पहले हर दिन को ख़ुशी से जी लें …
हम स्वयं को वर्तमान में खुश होने देना नहीं चाहतें और “ किसी एक दिन “ की लोलीपोप हम अपने आपको थमा देते है…पूरी जिन्दगी ख़ुशी और happiness के नाम के मृगजल के पीछे भागते रहते है और इस दरमियान … यदि किसी एक दिन हमारी मुलाकात मृत्यु से हो गयी तो दोस्तों “ जिन्दगी न मिलेगी दोबारा.”
मंगल कामना के साथ …
सबका मंगल हो सबका कल्याण हो …
Wah, Wonderful perspective. Not easy to follow but the ultimate way to live life.
धन्यवाद