Ready …? 7th Valid Action Principle को शुरू करने से पहेले एक छोटा सा टास्क – एक पेन और पेपर हाथ में ले लीजिये –
एक लिस्ट बनाना है – जिस में हमें अपने जीवन के उदेश्यों को ,लक्ष्यों को , इच्छाओं को लिखना है…सरल है ?
आप सोच रहे है कि क्या लिस्ट बनाकर तैयार कर देने से हमारे सभी गोल अर्थात लक्ष्य प्राप्त हो जायेंगे ?
वादा तो नहीं कर सकती किन्तु यदि आप चमत्कार में विश्वास करते हो तो चमत्कार घटित हो भी सकता है। एक बार प्रयत्न करके तो देखे …हो सकता है हमारे जीवन में भी कोई खुल जा सिम सिम का तिलस्मी दरवाज़ा खुल जाए और जीवन के संघर्षों से मुक्ति मिल जाए।
हमारे लक्ष्यों का लिस्ट ऐसे बनाना है जिसमे हर लक्ष्य हमारी प्रायोरिटी अनुसार हो और हर लक्ष्य को या उदेश्य को क्रमांक ज़रूर दीजियेगा…ताकि उसका महत्त्व पता चले ।
जैसे कोई ऐसा लक्ष्य जो दिन रात आपके दिलोदिमाग में छाया रहेता है ।या फिर कोई ऐसा लक्ष्य जो अथाक परिश्रम के बाद भी कुछ अवरोधों के कारण प्राप्त नहीं हो रहा।
या फिर कोई ऐसा उदेश्य जो आपने अपने लिए परिवार के लिए अपने बच्चों के लिए सोच रखे है जिस पर आप तो १००% कार्य कर रहे है किन्तु कुछ रुकावटें आ रही है जिसे आप दिन रात हटाने का प्रयास कर रहे है।
या कोई ऐसा लक्ष्य जो आपको आपके परिवार को समाज में परिवार में रुतबा प्रतिष्ठा या कीर्ति दे जो पूरा हो जाने पर आप को ढेरों ख़ुशी मिलेगी ।
या कोई ऐसा लक्ष्य जिस के प्राप्त होते ही आप जीवनभर के लिए सुरक्षित अनुभव करेंगे ।
या कोई ऐसा लक्ष्य जो आपका बचपन का सपना था।
कोई ऐसा लक्ष्य जो आपके आर्थिक क्षेत्र को इतना समृद्ध करे कि आपका व्यापार और कारोबार सफलता का शिखर छू ले ।
या कोई ऐसा उदेश्य जो आपने आज तक स्वयं से भी छुपाकर रखा था।
ऐसा कोई उदेश्य जो प्राप्त हो जाए तो मन को लगे कि हमारा जीवन सफल हो गया ।
और भी अनेकों उदेश्य है ,लक्ष्य है ,इच्छाएं है आप बस अपने मन को टटोले …मन को निरंतर पूछे …
यही है हमारा टास्क – यदि इस टास्क को हमने गंभीरता से पूरा किया तो उन सारे बंध दरवाज़ों की कुंजी मिल जाएगी जिसकी हमें खोज है।
आपका मंगल हो कल्याण हो शुभ हो …आपका मार्ग प्रशस्त हो