7th Valid Action Principle of Immediate (वर्तमान / तत्काल) Action
७ दिवसीय अभ्यास –
Day 1 – सातवाँ सिद्धांत कहता है: “यदि आप किसी उद्देश्य का पीछा करते हैं तो आप स्वयं को बेड़ियों में बाँध देते हो ; लेकिन यदि आप हर कार्य को इस तरह करेंगे मानो वह स्वयं में एक उद्देश्य हो, तो आप स्वयं को मुक्त कर लेंगे।”
यह सिद्धांत हमें यह नहीं बताता कि हमें लक्ष्य नहीं रखने चाहिए, क्योंकि किसी भी गतिविधि की योजना बनाना लक्ष्यों के आधार पर किया जाता है। यह सिद्धांत बताता है कि किसी भी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उस तक पहुँचने वाले सभी चरणों को सकारात्मक तरीके से अपनाना चाहिए। यह सिद्धांत हमें उद्देश्य की प्राप्ति की ओर ले जाने वाले सभी मध्यवर्ती चरणों और स्थितियों से लाभ उठाने की शिक्षा देता है। अन्यथा, लक्ष्य प्राप्ति से पूर्व की सभी गतिविधियाँ कष्टदायक प्रतीत होती हैं, और इसलिए, यदि लक्ष्य प्राप्त भी हो जाता है, तो भी उन चरणों में निवेशित कष्ट के कारण उसका अर्थ खो जाता है।
* स्वयं कोई ऐसा उदहारण याद कीजिये
Day 2 : हमने सातवें सिद्धांत के पूर्व स्वयं के उदेश्यों का लक्ष्यों का इच्छाओं का एक लिस्ट बनाया है अब जब सातवा सिद्धांत हम पढ़ चुके -जान चुके- चर्चा कर चुके और कदाचित समज भी चुके है, तो अब उस उदेश्य पर फिर से ध्यान केन्द्रित करना है जिन्हें आप प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं
हमें गहराई से ध्यान चिंतन करना होगा ; आपको ईमानदारी और निष्पक्षता से स्वयं को इस प्रश्न का उत्तर देना होगा: “मैं किन उद्देश्यों के पीछे हूं ?”
( सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक, शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक) अब लिखें कि ” वे कौन से लक्ष्य हैं जिन्हें प्राप्त करने की मुझेमें अभी भी तीव्र अभिलाषा है ?” इस अभ्यास से हम उन लक्ष्यों को जान पाएंगे जो हमारी बेड़ियों का निर्माण करते हैं।
Day 3 : हम सभी एक साथ कई उद्देश्यों का पीछा कर रहे हैं, अब यह जानना होगा कि “कौन से जागरूक उद्देश्य हैं जो आपने खुद के लिए निर्धारित किए हैं?”
और वे कौन से उद्देश्य हैं – जो आपके चित्त में बचपन में माता पिता या शिक्षक या दोस्तों की संगत द्वारा या आपके जीवन के वातावरण और अनुभवों के माध्यम से बोए गए हैं ?
जब तक हम वास्तविक कारणों तक नहीं पहुँचते, हम अपने दिमाग में पहले से मौजूद चीजों से मुक्त नहीं हो पाएंगे।
Day 4 : अब एक अभ्यास करेंगे – हमारी छोटी सी दुनिया में अन्य लोग हैं, परिवार, रिश्तेदार, दोस्त, सहकर्मी। इनमें से 5 लोगों को चुनें और प्रत्येक से पूछें कि उनके सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक, शैक्षिक कार्य क्षेत्रों में लक्ष्य क्या हैं?
आप इस अभ्यास का तारण निकालें
Day 5 : अब इस प्रश्न पर कार्य करे : “उन सभी लक्ष्यों का हम पीछा क्यों कर रहे है?” “इस या उस उद्देश्य को चुनने का वास्तविक कारण क्या है?”
कई कारण हो सकते हैं – जो हमें किसी उद्देश्य का पीछा करवाते हैं।
ध्यान से चिंतन करे , स्वयं को टटोले कि “उद्देश्य को चुनने का वास्तविक कारण क्या है?” हमने क्यों वही उदेश्य चुना ?
Day 6 : किसी उद्देश्य का पीछा करने से हम कैसे गुलाम बन जाते हैं ?
उदेश्यों की शुरुआत दो प्रकार से होती है – १) डर और २) आवश्यकता
अपने उदेश्यों को समजे देखे जाने और फिर ध्यान दीजिये कि आपका उदेश्य का निर्माण किस प्रकार से हुआ है ? डर से ? या आवश्यकता से ?
आपको उन सभी लक्ष्यों को उजागर करना होगा , जिनका हम अभी पीछा कर रहे हैं, चाहे वह सचेत रूप में हो या अवचेतन रूप में।
हमें यह जानना ही होगा कि उन लक्ष्यों के पीछे असली कारण क्या हैं ?
Day 7 : उदेश्य का अर्थ क्या है ?
क्या आप सहमत है कि आप का अस्तित्व एक अनोखे उद्देश्य के लिए है ? उस उदेश्य के लिए केवल आप ही को चुना गया हैं।किसी अच्छे कार्य में मुदिता भरे मन से योगदान देना या किसी अच्छे कार्य करनेवाले व्यक्ति का साथ देना या कोई अच्छा कार्य निर्माण करने के लिए एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण करना ?
खोजिये … योग यात्री बने… अनेकों के सहयात्री बनने से पहेले…स्वयं के सहयात्री बने …यात्रा का उदेश्य खोजिये
चलिए इस पथ पर चलना प्रारंभ करे और खोजे अपने स्वयं के इस धरा पर होने के उदेश्य को … स्वयं को यह पूछे बिना मत लौटना कि “तुम इस पृथ्वी पर क्यों हो ?”
आप धन्य हो जो स्वयं की खोज यात्रा में जुड़े है …कल्याण हो