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Task Before 10th Principle work-study

The Principle of The Union

एक अद्भुत अवसर – इस टास्क को पूरा करते ही जीवन बदल जाएगा

10 Th – The Principle of The Union …

When you treat others as you want them to treat you, you liberate yourself.

आपको दूसरों के साथ वैसे ही व्यवहार करना चाहिए जैसा व्यवहार आप अपने साथ दूसरों द्वारा किए जाने की अपेक्षा करते हैं।

वास्तव में इसका क्या मतलब है कि दूसरों के साथ वैसे ही व्यवहार करें जैसा आप चाहते हैं कि आपके साथ किया जाए – आपके पास इसका उत्तर है, लेकिन हो सकता है कि आप इससे अवगत न हों, इसलिए आइए एक अभ्यास करे – कागज या नोटबुक और पेंसिल लें, सोचें कि आप क्या चाहते हैं कि –

क्या आप चाहते हैं कि आपके जीवनसाथी या जीवन संगिनी आपको प्रेम करे , आपकी देखभाल करे , आपसे समझदारी से व्यवहार करे और आपका विश्वास करे ? आपके पत्नी/पति  आपके साथ कैसे व्यवहार करें, और उन्हें लिखें।

आप क्या चाहते हैं कि आपकी संतान आपके प्रति कैसे व्यवहार करे ? आप उनसे किस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं ? अपने विचार लिखें।

आप क्या चाहते हैं कि आपके परम मित्र आपके प्रति कैसे व्यवहार करे? अपने विचार लिखें।

आप क्या चाहते हैं कि आपके अन्य मित्र आपके प्रति कैसे व्यवहार करे? अपने विचार लिखें।

आप क्या चाहते हैं कि आपके बॉस आपके प्रति कैसे व्यवहार करे? आप उनसे क्या अपेक्षा रखते हैं ? अपने विचार लिखें। 

आप क्या चाहते हैं कि आपके साथी – सहकर्मी आपके प्रति कैसे व्यवहार करे? आप उनसे क्या अपेक्षा रखते हैं ? अपने विचार लिखें।

आप क्या चाहते हैं कि आपके मातापिता आपके प्रति किस प्रकार का व्यवहार रखें ? अपने विचार लिखें।

आप क्या चाहते हैं कि आपके भाई बहन आपके प्रति किस प्रकार का व्यवहार रखें ? आप उनसे क्या अपेक्षा रखते हैं ? अपने विचार लिखें।

आप क्या चाहते हैं कि जीवन आपके साथ कैसे व्यवहार करे?

आपको यह विश्लेषण 7 दिनों तक करना होगा। हर दिन इसके लिए एक समय समर्पित करें। साथ ही, अपने आप से निम्नलिखित प्रश्न पूछें –

आप क्या चाहते है कि – आपके पड़ोसी , पक्षी , हमारे घर के पौधे आपसे कैसे व्यवहार करें। आपका घर आपसे कैसा व्यवहार करे ? यदि आपके पास कोई वाहन है तो आप क्या चाहते है कि वह आपसे कैसे व्यवहार करे ? इन उत्तरों को भी लिखना अनिवार्य है।

आपके पड़ोसी , पक्षी , हमारे घर के पौधे हमसे कैसे व्यवहार करे ? अर्थात आप उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं और बदले में उनसे कैसा व्यवहार चाहते हैं।

आपको लगेगा कि केवल प्रश्नों के उत्तर लिखने से जीवन कैसे बदल जाएगा ? किन्तु मेरा आपसे आग्रह है कि इस टास्क को पूर्ण करे और अगले ब्लॉग में सिद्धांत ९ को जब आप पढेंगे तो आपको हर प्रश्न का समाधान मिल जाएगा – यह वादा रहा  

यह कार्य अभ्यास आपके जीवन में कदाचित बुनियादी बदलाव ला सकता है , शर्त इतनी ही है कि आप स्वयं क्या वह बदलाव लाने के लिए तैयार है ?

यदि हाँ – तो आपको विश्वास हो जाएगा कि जीवन में चमत्कार होते है (केवल आपको आपके  जीवन में भी चमत्कार घटित हो सकता है इस बात में श्रद्धा होनी चाहिए)

मेरा जीवन पहेले कुछ ऐसा था –

सिद्धांत कहेता है कि “Treat others as you want to be Treated “ किन्तु जीवन में एक समय मेरे अतीत में मेरा ऐसा मानना था कि “if someone treated you badly, you should treat them even worse. – ईंट का जवाब पत्थर से” लेकिन मैंने देखा था तब कि अक्सर मुझे जीवन में अधिक बुरे लोग स्वार्थी लोग मिलते थे और मेरी सारी उर्जा मैं उनके साथ हिसाब बराबर करने में ही व्यय कर देती थी …लेकिन किसी जन्म में कोई अच्छा कर्म किया होगा कि मुझे यह सिद्धांत ९ जानने का अवसर मिला  “Treat others as you want to be Treated “ शुरू में तो मुझे लगा यह सब केवल “अच्छी बातें है” लेकिन जब कुछ समय इस सिद्धांत पर कार्य अभ्यास किया – इस सिद्धांत को जीया तो चमत्कार होने लगे जीवन में – मेरे भीतर का कठोरपन अचानक ही सद्भाव में परिवर्तित हो गया और मानो दुनिया के सब अच्छे लोग मेरे जीवन में जुड़ने लगे … जीवन बदलने के लिए केवल इच्छाशक्ति चाहिए अवसर तो जीवन बहुत देता है …

आपका मार्ग भी प्रशस्त हो आपका मंगल हो कल्याण हो

Kalindi Mehta

कालिंदी महेता की योग यात्रा के प्रारंभ में – “मन की बातें

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