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Task For Principle 1 – To go against the evolution of things is to go against oneself.

To go against the evolution of things is to go against oneself.

सिद्धांत एक के अभ्यास से पहेले कुछ टास्क –

इन प्रश्नों के उत्तर स्वयं से पूछें और निरिक्षण करे हो सकरे तो किसी एक किताब में इसे दर्ज करते रहे

आपके शारीरिक परिवर्तन का निरक्षण – पहेले से लेकर आज तक आपकी कार्यक्षमता में क्या कुछ परिवर्तन हुआ है ?

आपकी शारीरिक स्थिति – आपके शरीर की आंतरिक अंग अवयव एवं बाहरी कार्यक्षमता इत्यादि

आपके शरीर का स्वास्थ्य – आपका मानसिक स्वास्थ्य – आपका भावनात्मक स्वास्थ्य 

आपके भावनात्मक शरीर में जो परिवर्तन हुए उसका निरिक्षण – पहेले से लेकर आज तक – जीवन की भावनात्मक स्थिति में आपकी प्रतिक्रिया या प्रतिभाव में क्या कुछ परिवर्तन हुए है – भावनात्मक परिवर्तन सम्बन्धों में – व्यवसाय में – स्वास्थ्य के सम्बन्ध में इत्यादि

आपके विचारों में परिवर्तन हुआ है ? – पहेले जो विचार थे अब क्या विचार है ? विचारों में कहाँ परिवर्तन आया है ?

आपकी अपनी दुनिया में क्या क्या परिवर्तनों को आप देख पाए ?

आपकी प्रवृतियों में क्या परिवर्तन आप देख पाते है ?

आपकी स्वयं में और अपने भविष्य में क्या संभावनाओं में परिवर्तन आप देख पाते है ?

आपकी आसपास के लोग – आपके रिश्तेदारों में क्या परिवर्तन देखते है जो आपके जीवन से जुड़े है ? उनमे क्या बदलाव आया यह महत्त्व का नहीं है किन्तु आप के और उनके रिश्तों में आप क्या परिवर्तन देख पाते है

आपके दोस्तों के साथ जुड़े हुए जीवन में सिद्धांत एक के अभ्यास से पहेले कुछ टास्क – मेरे शारीरिक परिवर्तन का निरक्षण – पहेले से लेकर आज तक आपकी कार्यक्षमता में क्या कुछ परिवर्तन हुआ है ?

आपकी शारीरिक स्थिति – आपके शरीर की आंतरिक अंग अवयव एवं बाहरी कार्यक्षमता इत्यादि

आपके शरीर का स्वास्थ्य – आपका मानसिक स्वास्थ्य – आपका भावनात्मक स्वास्थ्य 

आपके भावनात्मक शरीर में जो परिवर्तन हुए उसका निरिक्षण – पहेले से लेकर आज तक – जीवन की भावनात्मक स्थिति में आपकी प्रतिक्रिया या प्रतिभाव में क्या कुछ परिवर्तन हुए है – भावनात्मक परिवर्तन सम्बन्धों में – व्यवसाय में – स्वास्थ्य के सम्बन्ध में इत्यादि

आपके विचारों में परिवर्तन का असर – पहेले जो विचार थे अब क्या विचार है ? विचारों में कहाँ परिवर्तन आया है ?

आपकी दुनिया में क्या क्या परिवर्तनों को आप देख पाए ?

आपकी प्रवृतियों में क्या परिवर्तन आप देख पाते है ?

आपकी स्वयं में और अपने भविष्य में क्या संभावनाओं में परिवर्तन आप देख पाते है ?

आपकी आसपास के लोग – आपके रिश्तेदारों में क्या परिवर्तन देखते है जो आपके जीवन से जुड़े है ? उनमे क्या बदलाव आया यह महत्त्व का नहीं है किन्तु आप के और उनके रिश्तों में आप क्या परिवर्तन देख पाते है

आपके दोस्तों के साथ जुड़े हुए जीवन में क्या परिवर्तन देखते है – बातों के विषय – मिलने का समय –जीवन के मित्रों के मुद्दे पर हम क्या परिवर्तन देखते है ? ( दोस्तों के नाम भी सोचिये )

आपके परिवार में होते हुए परिवर्तन को निरिक्षण करे – माता पिता – भाई बहन – संतान –पति पत्नी – ससुराल के रिश्ते – माइके के रिश्ते

व्यवसाय में – व्यापार में – कार्यस्थल में क्या परिवर्तन देखते है ?

कुछ लोग जिनको हम अक्सर देखते है – कुछ स्थल जहाँ हम अक्सर गए है – उन लोगों में या स्थलों में क्या परिवर्तन आप देखते है ?

सकारात्मक या नकारात्मक ऐसा कुछ भी जज किये बिना विचार करे ,स्वयं से प्रमाणिक रहे ,स्वयं को निष्ठां से उत्तर दीजिये – कुछ पसंद आए वैसा परिवर्तन हुआ है तो कुछ मन को अच्छा न लगे वैसा भी परिवर्तन हुआ है – जो भी परिवर्तन हुआ है बस उसे निरिक्षण करना है

अभ्यास करते रहे … मार्ग स्वयं ही मिल जाएगा 

Kalindi Mehta

कालिंदी महेता की योग यात्रा के प्रारंभ में – “मन की बातें

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