10th Principle of The Union When you treat others as you want them to treat you, you liberate yourself. अर्थात दूसरों के साथ वैसे ही व्यवहार करें जैसा व्यवहार आप चाहते हैं कि आपके साथ किया जाए अब हम सोचेंगे कि दूसरों से ऐसा व्यवहार करे जैसा व्यवहार आप चाहते है कि दुसरे आपके साथ […]
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कालिंदी महेता की योग यात्रा के प्रारंभ में – “मन की बातें”…
जीवन में किसी के लिए प्रेम है तो किसी के लिए द्वेष , किसी के लिए विश्वास है तो किसी से भय ,कभी कृतज्ञता का भाव है तो कभी क्रोध और व्याकुलता…कुछ संबंधों के लिए प्रतिबद्धता है तो कुछ रिश्तों में टकराव और घर्षण है…इन सकारात्मक और नकारात्मक भावों का , तनावों का और व्याकुलता का अनुभव आखिर उद्भव कहाँ होता है ? उत्तर है – व्यक्ति के अपने मन में…हमारे मन की रोचक कार्यशैली को तत्वमीमांसा के आधार पर प्रस्तुत किया है।
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To go against the evolution of things is to go against oneself. सिद्धांत एक के अभ्यास से पहेले कुछ टास्क – इन प्रश्नों के उत्तर स्वयं से पूछें और निरिक्षण करे हो सकरे तो किसी एक किताब में इसे दर्ज करते रहे आपके शारीरिक परिवर्तन का निरक्षण – पहेले से लेकर आज तक आपकी कार्यक्षमता […]
“When you harm others you remain enchained, but if you do not harm anyone you can freely do whatever you want.” “जब आप दूसरों को “हानि पहुंचाते” हैं, तो आप स्वयं जंजीरों में बंधे रहेते हैं, लेकिन जब आप किसी को हानि नहीं पहुंचाते, तो आप जो चाहें स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं।“ (“हानि […]